<div id="myTabContent" class="tab-content"> <div id="plagirism" class="tab-pane fade show active" role="tabpanel"> <div id="result-text" class=" text-justify" style="text-align: justify;"><strong>Nargis Dutt Mother Jaddanbai Life Facts:</strong> आज हम बात करेंगे जद्दनबाई (Jaddanbai) की.वही जद्दनबाई जिनकी बेटी नरगिस दत्त (Nargis Dutt) बॉलीवुड की सबसे उम्दा एक्ट्रेसेस में से एक रहीं और नाती संजय दत्त (Sanjay Dutt) भी बड़े स्टार हैं. बात है 1892 के गुलाम भारत की, जब इलाहाबाद के कोठे की मशहूर तवायफ दलीपाबाई के घर जद्दनबाई का जन्म हुआ. मां के नक्शेकदम पर जद्दनबाई भी ठुमरी और गजलें सुनाने लगीं. इनकी आवाज की दीवानगी ऐसी थी कि इन्हें सुनने आए दो ब्राह्मण परिवार के नौजवानों ने इनसे शादी करने के लिए परिवार छोड़कर इस्लाम कबूल कर लिया.</div> <div class=" text-justify" style="text-align: justify;"> </div> <div class=" text-justify" style="text-align: justify;">दलीपाबाई गांव पहुंचे लोगों के बहकावे में आकर इलाहाबाद भाग आईं, लेकिन उन लोगों ने दलीपाबाई को कोठे में बेच दिया. यहां उनकी शादी सारंगी वादक मियां जान से हुई जिनसे उन्हें एक बेटी जद्दनबाई हुई. जब गायकी में उतरीं तो जद्दनबाई को मां से भी बेहतरीन तवायफ का दर्जा मिल गया. इन्हें सुनने पहुंचे ब्राह्मण परिवार के नरोत्तम ने इनसे शादी करने के लिए इस्लाम कबूला जिससे इन्हें एक बेटा अख्तर हुसैन हुआ. चंद सालों में ही नरोत्तम इन्हें छोड़ कर चला गया और कभी लौटा ही नहीं. सालों बाद कोठे में ही हार्मोनियम बजाने वाले उस्ताद इरशाद मीर ने इनसे शादी कर ली जिनसे इन्हें दूसरा बेटा अनवर खान हुआ. दूसरी शादी भी टूट गई.</div> <div class=" text-justify" style="text-align: justify;"><br /><img src="https://ift.tt/nDCKLIU" width="730" height="540" /></div> <div class=" text-justify" style="text-align: justify;"> </div> <div class=" text-justify" style="text-align: justify;">ये कहना गलत नहीं होगा कि लोग एक नजर में इनके दीवाने हो जाया करते थे. यही हाल हुआ लखनऊ के रईस मोहनबाबू का जो निकले तो लंदन के लिए थे लेकिन जद्दनबाई से मिलकर वो सबकुछ छोड़ बेठे. मोहनबाबू ने अब्दुल रशीद बनकर जद्दनबाई से शादी की जिससे इन्हें एक बेटी नरगिस हुई. जद्दनबाई भी कोठे से निकलकर संगीत के उस्तादों से संगीत सीखने पहुंच गईं. इनकी गाई गजलों को यूके की म्यूजिक कंपनी रिकॉर्ड करके ले जाया करती थी. ब्रिटिश शासक इन्हें महफिलों में बुलाया करते थे. रेडियो स्टेशन में जद्दनबाई की आवाज देशभर के लोगों को दीवाना कर रही थी. पॉपुलैरिटी बढ़ी तो इन्हें लाहौर की फोटोटोन कंपनी की फिल्म राजा गोपीचंद में काम मिला.</div> <div class=" text-justify" style="text-align: justify;"><br /><img src="https://ift.tt/AKq6Frw" /></div> <div class=" text-justify" style="text-align: justify;"> </div> <div class=" text-justify" style="text-align: justify;">चंद फिल्मों में इन्होंने अभिनय भी किया और बाद में ये परिवार के साथ सपनों के शहर मुंबई पहुंच गईं, जहां बड़े स्तर पर फिल्में बन रही थीं. यहां उन्होंने खुद की प्रोडक्शन कंपनी संगीत फिल्म शुरू की और तलाश-ए-हक फिल्म बनाई. इसी फिल्म में जद्दनबाई ने अभिनय करने के साथ म्यूजिक कंपोज भी किया. इतिहास में ये पहली बार था जब कोई महिला म्यूजिक कंपोज कर रही थी. 1935 की इस फिल्म में उन्होंने 6 साल की बेटी नरगिस को कास्ट किया. प्रोडक्शन कंपनी से कर्ज उतारने के लिए ये लगातार नरगिस को फिल्मों में लेने लगीं. 1940 तक जद्दनबाई की प्रोडक्शन कंपनी भारी नुकसान में जाने से बंद हो गई. जद्दनबाई ने फिल्मों में काम करना बंद कर दिया. आखिरकार 8 अप्रैल 1949 को जद्दनबाई कैंसर से लड़ते हुए दुनिया से रुख्सत हो गईं.</div> </div> </div> <div class="w-100 downloadBtns_section"><form id="chkformn" accept-charset="UTF-8" action="https://ift.tt/PoIm702" enctype="multipart/form-data" method="POST" target="_blank"> <p><a title="जब भूख से बेहाल Dharmendra की बिगड़ गई थी तबियत, डॉक्टर ने कह दी थी चौंकाने वाली बात!" href="https://ift.tt/45LuQME" target="">जब भूख से बेहाल Dharmendra की बिगड़ गई थी तबियत, डॉक्टर ने कह दी थी चौंकाने वाली बात!</a></p> <p><a title="Vinod Mehra की दो बड़ी एक्ट्रेसेस के साथ नहीं टिकी थी शादी, चार बार बसाया था घर!" href="https://ift.tt/GwsrFc3" target="">Vinod Mehra की दो बड़ी एक्ट्रेसेस के साथ नहीं टिकी थी शादी, चार बार बसाया था घर!</a></p> </form></div>
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