Shyam Ramsay Birth Anniversary: लोगों की रूह कंपाने में माहिर थे श्याम रासमे, कार में बैठी 'चुड़ैल' से मिली थी वीराना की कहानी

<p style="text-align: justify;"><strong>Shyam Ramsay Unknown Facts:&nbsp;</strong>80 और 90 का दशक... बॉलीवुड का एक ऐसा दौर, जब अमिताभ बच्चन की फिल्मों का जादू हर किसी के सिर पर चढ़ चुका था. उसी दौर में हॉरर सिनेमा का क्रेज भी बॉलीवुड में नजर आया और हर कोई उन फिल्मों का तलबगार हो गया, जिन्हें अकेले में देखकर रोंगटे खड़े हो जाना तय था. सिनेमा में इस दौर की शुरुआत करने वाले थे श्याम रामसे, जिनकी आज बर्थ एनिवर्सरी है. आइए आपको उनकी जिंदगी के उस किस्से से रूबरू कराते हैं, जिसकी वजह से उन्होंने हॉरर फिल्में बनानी शुरू की थीं.&nbsp;</p> <p><strong>सिनेमा को दिया नया रंग-रूप</strong></p> <p>17 मई 1952 के दिन मुंबई में जन्मे श्याम रामसे उन सात रामसे ब्रदर्स में से एक हैं, जिन्होंने 1970 और 1980 के दशक में भारतीय सिनेमा को नया रंग-रूप दिया. रामसे ब्रदर्स के इस ग्रुप में श्याम रामसे को ही प्रमुख माना जाता था. उन्होंने अपने करियर में कई हॉरर फिल्में बनाईं, जिनमें दरवाजा, पुराना मंदिर, वीराना, दो गज जमीन के नीचे, सामरी, तहखाना, डाक बंगला, पुरानी हवेली, शैतानी इलाका और बंद दरवाजा आदि फिल्में शामिल हैं.&nbsp;</p> <p><strong>ऐसे आया था हॉरर फिल्में बनाने का आइडिया</strong></p> <p>कहा जाता है कि श्याम रामसे को हॉरर फिल्में बनाने का आइडिया निजी जिंदगी में हुई एक घटना से आया था. इस किस्से का जिक्र फतेहचंद रामसे की नातिन अलीशा प्रीति कृपलानी ने अपनी किताब 'घोस्ट इन ऑवर बैकयार्ड' में किया था. इसमें बताया गया कि 1983 के दौरान श्याम रामसे महाबलेश्वर में पुराना मंदिर फिल्म की शूटिंग कर रहे थे. शूटिंग खत्म होने के बाद पूरी टीम तो मुंबई लौट गई, लेकिन श्याम रामसे वहीं रुक गए. जब वह कार से मुंबई लौट रहे थे, तब रास्ते में एक महिला ने उनसे लिफ्ट मांगी. श्याम रामसे ने गाड़ी रोकी तो वह महिला फ्रंट सीट पर बैठ गई. श्याम ने उससे बात करने की कोशिश की, लेकिन वह चुप रही. अचानक उनकी नजर महिला के पैरों पर पड़ी, जो पीछे की ओर मुड़े हुए थे.&nbsp;</p> <p><strong>ऐसी हो गई थी श्याम रामसे की हालत</strong></p> <p>कहा जाता है कि यह नजारा देखते ही श्याम रामसे की हालत खराब हो गई. उन्होंने घबराहट में कार के ब्रेक लगा दिए, जिसके बाद महिला कार से उतर गई और अंधेरे में गायब हो गई. इसके बाद श्याम रामसे ने गाड़ी इतनी तेजी से दौड़ाई कि मुंबई आकर ही रुके. इस घटना के पांच साल बाद श्याम रामसे ने वीराना फिल्म बनाई थी. बता दें कि भारतीय सिनेमा को नई विधा देने वाले श्याम रामसे ने 18 सितंबर 2019 के दिन इस दुनिया को अलविदा कह दिया था. वह 67 साल के थे.</p> <p><a href="https://ift.tt/9IeSudT Kerala Story BO Day 12: अदा शर्मा की 'द केरला स्टोरी' की 150 करोड़ के क्लब में हुई एंट्री, तोड़े कई रिकॉर्ड</strong></a></p>

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