<p style="text-align: justify;"><strong>Nanabhai Bhatt Unknown Facts:</strong> 12 जून 1915 के दिन गुजरात के पोरबंदर में जन्मे नानाभाई भट्ट को सिनेमा के पितामह के तौर पर देखा जाता है. वह अपनी फिल्मों की वजह से जितनी चर्चा में रहे, उससे ज्यादा सुर्खियां उन्होंने अपनी निजी जिंदगी की वजह से बटोरीं. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि नानाभाई भट्ट ने अपनी हमसफर शिरीन मोहम्मद अली से ताउम्र शादी नहीं की थी. यकीनन नानाभाई और शिरीन की प्रेम कहानी फिल्मी स्टोरी से एकदम अलग है तो आइए बर्थडे स्पेशल में हम आपको इससे रूबरू कराते हैं...</p> <p style="text-align: justify;"><strong>कल्पना से अलग है नानाभाई की लव स्टोरी</strong></p> <p style="text-align: justify;">मोहब्बत ऐसा बंधन है, जो तमाम हदों-सरहदों और जाति-धर्म के बंधन की परवाह किए बिना दो लोगों को ऐसी डोर में बांध देता है कि उन्हें किसी चीज की परवाह ही नहीं होती. कुछ ऐसा ही रिश्ता नानाभाई भट्ट और शिरीन मोहम्मद अली का रहा. दरअसल, काल्पनिक और पौराणिक फिल्मों पर पैसा लगाने वाले नानाभाई ने कभी खुद नहीं सोचा था कि उनकी लव स्टोरी कल्पनाओं से भी एकदम अलग होगी. </p> <p style="text-align: justify;"><strong>पहले से शादीशुदा थे नानाभाई</strong></p> <p style="text-align: justify;">बता दें कि नानाभाई की पहली शादी हेमलता नाम की महिला से हुई थी, जिनके बेटे फिल्म लेखक रॉबिन भट्ट हैं. कुछ समय बाद नानाभाई का रिश्ता एक्ट्रेस शिरीन मोहम्मद अली से जुड़ गया. दोनों बिना शादी किए ही साथ रहने लगे और दोनों के दो बेटे महेश भट्ट व मुकेश भट्ट हुए. शिरीन-नानाभाई के रिश्ते को पहली पत्नी हेमलता के परिवार ने कभी मान्यता नहीं दी. ऐसे में नानाभाई भट्ट के दो परिवार और दो घर हो गए. </p> <p style="text-align: justify;"><strong>ताउम्र पति के लिए तरसती रहीं शिरीन</strong></p> <p style="text-align: justify;">आपको यह जानकर हैरानी होगी कि एक-दूसरे से बेइंतहा मोहब्बत करने के बाद भी नानाभाई और शिरीन की शादी कभी नहीं हो पाई. महेश भट्ट को सबसे ज्यादा तकलीफ इस बात की थी कि उनकी मां शिरीन को कभी पत्नी का दर्जा नहीं मिल पाया और न ही उन्हें सामाजिक स्वीकृति मिली. </p> <p style="text-align: justify;"><strong>मौत के बाद मां की मांग में भरा गया था सिंदूर</strong></p> <p style="text-align: justify;">अपनी मां के इस दर्द का जिक्र महेश भट्ट कई दफा कर चुके हैं. हाल ही में जब वह अरबाज खान के चैट शो में पहुंचे थे, तब भी उन्होंने इसका जिक्र किया था. उन्होंने बताया था कि हिंदू इलाके में रहने की वजह से उनकी मां को धर्म छिपाकर रहना पड़ा. जब 1998 में उनकी मां शिरीन का देहांत हुआ, तब वह उनकी आखिरी इच्छा के अनुसार उन्हें दफन करना चाहते थे. उस दौरान नानाभाई भट्ट वहां पहुंचे और शिरीन की मांग में सिंदूर लगा दिया था. मैंने अपनी मां को दफन करने की इच्छा जाहिर की तो पिता नानाभाई ने अपने धर्म का हवाला देते हुए आने से इनकार कर दिया था. महेश भट्ट ने अपने बचपन की इस कहानी को 'जख्म' के रूप में बड़े पर्दे पर उतारा था, जिसमें उनकी बेटी पूजा भट्ट ने उनकी मां शिरीन पर आधारित किरदार निभाया था. बता दें कि 24 अप्रैल 1988 के दिन मुंबई में नानाभाई भट्ट का निधन हो गया था.</p> <p style="text-align: justify;"><a href="https://ift.tt/EOsnMy7 92: सैकड़ों लड़कियों का बलात्कार... ब्लैकमेल... आत्महत्या... पढ़ें दिल दहला देने वाली असली कहानी</strong></a></p>
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